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लेखक:

आर.पी. नोरोन्हा, अनु. इंद्रनील शंकर दाणी

श्री आर. पी. नरोन्हा का जन्म 14 मई, 1916 को हैदराबाद में हुआ था। उन्होंने लोयाला कॉलेज, मद्रास से बी.ए. (होनोर्स) और तत्पश्चात लन्दन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से बी. एस. सी. (होनोर्स) किया। वर्ष 1938 में इंडियन सिविल सर्विसेस परीक्षा में द्वितीय स्थान प्राप्त कर उन्होंने आई.सी.एस. के तत्कालीन मध्यप्रांत संवर्ग में प्रवेश किया।

उनकी प्रशासनिक क्षमताओं और आदिवासियों के प्रति सहानुभूति ने उन्हें अपने जीवनकाल में ही चर्चित व्यक्तित्व बना दिया था। 1961 में गोवा की आजादी के बाद वे उसके पहले मुख्य नागरिक प्रशासक बने। वे 1963 में मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव नियुक्त हुए और मई, 1974 में उसी पद से सेवानिवृत हुए। पंजाब में वर्ष 1968 में और मध्यप्रदेश में 1977 में लगे राष्ट्रपति शासन के दौरान उन्हें राज्यपाल का सलाहकार नियुक्त किया गया था।

उनकी बेहतरीन सेवाओं का ध्यान रखकर वर्ष 1975 में उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया गया। 23 नवम्बर, 1982 को उनका देहावसान हुआ। उनकी स्मृति में मध्यप्रदेश सरकार ने अपनी शीर्षस्थ प्रशिक्षण संस्था-प्रशासन अकादमी-का नामकरण उनके नाम पर किया है।

एक अनाड़ी की कही कहानी

आर.पी. नोरोन्हा, अनु. इंद्रनील शंकर दाणी

मूल्य: Rs. 450

नौकरशाही के प्रति देशव्यापी सकारात्मक वर्तमान माहौल में यह पुस्तक पाठकों के मन में अलग ही प्रभाव पैदा करती है।   आगे...

 

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